उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच परमाणु बटन की धमकियों से इस प्रश्न का जन्म हुआ कि क्या भारत के प्रधानमन्त्री की टेबल पर भी परमाणु बटन होता है और क्या परमाणु हमला सिर्फ चुटकी बजाते ही किया जा सकता है.
आइये इस लेख में जानते हैं कि परमाणु हमले के लिए किस प्रकार की प्रक्रिया अपनायी जाती है और इसमें कितना समय लगता है.
परमाणु मामलों के विशषज्ञों के अनुसार, प्रधानमंत्री की टेबल पर ऐसा कोई बटन परमाणु बटन नही होता है जिसे दबाकर किसी भी देश पर परमाणु हमला किया जा सके. लेकिन प्रधानमन्त्री के पास एक स्मार्ट कोड जरूर होता है जिसके बिना परमाणु बम को छोड़ा नही जा सकता है.
यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि किसी देश पर परमाणु हमले के लिए एक पूरा प्रोसीजर होता है. ऐसा बिलकुल नही है कि प्रधानमन्त्री ने कहा कि किसी देश पर परमाणु हमला कर दो और वैज्ञानिकों ने तुरंत हमला कर दिया ।
परमाणु हमले का आदेश कौन दे सकता है?
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि परमाणु बम छोड़ने के लिए प्रधानमन्त्री के पास सिर्फ एक स्मार्ट कोड होता है. परमाणु बम को दागने का असली बटन तो परमाणु कमांड की सबसे निचली कड़ी या टीम के पास होता है जिसे वाकई में यह मिसाइल दागनी होती है.
यह भी सच है कि भारत में परमाणु हमला करने के निर्णय सिर्फ प्रधानमन्त्री के पास होता है. हालाँकि प्रधानमन्त्री अकेले निर्णय नही ले सकता है, उसे परिस्थितियों के अनुसार अपनी सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चेयरमैन ऑफ़ चीफ ऑफ़ स्टाफ कमेटी से राय लेकर ही परमाणु हमला करने का निर्णय ले सकता है।
यह भी सच है कि भारत में परमाणु हमला करने के निर्णय सिर्फ प्रधानमन्त्री के पास होता है. हालाँकि प्रधानमन्त्री अकेले निर्णय नही ले सकता है, उसे परिस्थितियों के अनुसार अपनी सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चेयरमैन ऑफ़ चीफ ऑफ़ स्टाफ कमेटी से राय लेकर ही परमाणु हमला करने का निर्णय ले सकता है।