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Control Panel क्या है समझाइये ?

कण्ट्रोल पैनल बहुत सारे प्रोग्रामों का समूह होता है। जिसका प्रयोग हार्डवेयर, फ़ॉन्ट सेटिंग, सिस्टम एंड सिक्यूरिटी सेटिंग, नेटवर्क और इंटरनेट सेटिंग, यूज़र अकाउंट की सेटिंग के लिए किया जाता है।

यह एक ऐसा ऑप्शन होता है जिसमें सॉफ्टवेयर या सिस्टम को कण्ट्रोल करने के सारे तरीके मौजूद होते है। कंट्रोल पैनल के फंक्शन की मदद से आप विंडो की सेटिंग और उसमें बदलाव कर सकते है।

Control Panel क्या है समझाइये ?

Functions Of Control Panel

कंट्रोल पैनल में बहुत सारे फंक्शन होते है। लेकिन इन फंक्शन में से कम ही फंक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, तो जानते है इनके बारे में:
  • Device Manager

डिवाइस मैनेजर का प्रयोग कंप्यूटर के इंटरनल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है। जैसे अगर आप अपने कंप्यूटर में माउस लगाते हो तो वह हार्डवेयर है।
आपकी विंडो पर उसकी जो Functionality होगी वह एक सॉफ्टवेयर की मदद से होगी। इन दोनों को आपस में जोड़ने का काम डिवाइस मैनेजर करता है।
  • Devices And Printer

डिवाइस मैनेजर की तरह यह भी हार्डवेयर को और सॉफ्टवेयर को आपस में जोड़ता है। डिवाइस मैनेजर में कंप्यूटर के इंटरनल हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर से कनेक्ट किया जा सकता है।
इसी तरह इसमें जो एक्सटर्नल हार्डवेयर है जैसे एक्सटर्नल माउस, एक्सटर्नल की-बोर्ड, प्रिंटर, स्कैनर आदि को आप कनेक्ट करते टाइम देख सकते है की उसकी सेटिंग में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। और यहाँ से सही भी कर सकते है।
  • File Explorer Option

इसकी मदद से आप अपने कंप्यूटर के सभी फोल्डर की सेटिंग कर सकते है। जैसे आप फोल्डर को डबल क्लिक से ओपन करना चाहते है या सिंगल क्लिक से या फोल्डर को आप नयी विंडो में ओपन करना चाहते है या उसी विंडो में।
अगर आप किसी फोल्डर को छुपाना चाहते है या वापस दिखाना चाहते है तो इस ऑप्शन की मदद से कर सकते है। इस ऑप्शन की मदद से आप अपने कंप्यूटर की फाइल्स की भी सेटिंग कर सकते है। अगर आप किसी फाइल की एक्सटेंशन को बदलना चाहे तो आप उसकी एक्सटेंशन को बदल सकते है।
  • Display

इसमें आप अपने कंप्यूटर की डिस्प्ले का साइज़ कम या ज्यादा कर सकते है, उसे रोटेट कर सकते है। डिस्प्ले को मैग्नीफ़ाइंग की मदद से ज़ूम करके भी देख सकते है। डिस्प्ले की सेटिंग आपको इससे ज्यादा कंप्यूटर की होम स्क्रीन पर मिलेगी।
  • Fonts

यदि आप अपने कंप्यूटर में फ़ोटो एडिटिंग करते है या डिज़ाइनिंग के लिए टेक्स्ट का इस्तेमाल करते है। तो आपको फ़ॉन्ट के बारे में पता होना चाहिए।
आपके कंप्यूटर में जितने भी फ़ॉन्ट होते है वो आप इसमें देख सकते है। अगर आप अपने कंप्यूटर में नए फ़ॉन्ट इनस्टॉल करना चाहते है तो इस ऑप्शन से कर सकते है। और उसे वापस से डिलीट भी कर सकते है।
  • Keyboard

हम जो भी केरैक्टर लिखते है उनकी रिपीट की जो स्पीड होती है उसे हम कम या ज्यादा कर सकते है। की-बोर्ड में ज्यादा बदलाव करने की जरुरत नहीं होती है।
  • Mouse

माउस कंप्यूटर की सबसे आवश्यक डिवाइस होती है। इसके बिना हम कंप्यूटर का कोई भी कार्य नहीं कर सकते। माउस में आपको बटन कॉन्फ़िगरेशन का ऑप्शन मिलता है।
जिससे आप अपने माउस के बटन बदल सकते है। मतलब जो काम लेफ्ट क्लिक करता है वह राईट क्लिक करे। और जो काम राईट क्लिक करता है वह लेफ्ट क्लिक करे। तो इसके लिए आपको Switch Primary And Secondary Buttons पर क्लिक करना होगा।
  • Internet Option

यदि आपको आपके कंप्यूटर में इंटरनेट की जरुरत होती है तो आपको इस Option के बारे में जानकारी ज़रुर होना चाहिए। Internet Option में General Tab का Option Internet Explorer के लिए होता है। आप General Setting में इसकी सेटिंग कर सकते है।
  • Language

इस सेटिंग में हम कंप्यूटर में बहुत सी तरह की Language Add कर सकते है। आप अपने कंप्यूटर में जिस भी भाषा को देखना चाहे तो इसके लिए आपको Add A Language पर क्लिक करके अपनी भाषा को सिलेक्ट करना है। और आप उस भाषा को Add कर सकते है।
  • Troubleshooting

इसकी मदद से हम विंडो में आने वाली एरर को सही कर सकते है। जैसे आपका कोई सा सॉफ्टवेयर पुराने वर्जन का है जो विंडो के पुराने वर्जन पर काम करता था लेकिन अगर आपने नई विंडो इनस्टॉल की है और उस पर वह सॉफ्टवेयर काम नहीं कर रहा है तो आप ट्रबलशूटिंग की मदद से उस सॉफ्टवेयर को अपनी विंडो में चला सकते है।
  • System

इस ऑप्शन से कंप्यूटर की कॉन्फ़िगरेशन का पता लगाया जा सकता है। जैसे आपके कंप्यूटर में कौन सी विंडो इंस्टाल है और आपके कंप्यूटर में कितनी जीबी रैम है, और इसका कौन सा प्रोसेसर है, प्रोसेसर की स्पीड कितनी है यह आपको इस ऑप्शन से पता चलेगा।
  • Sound

कंप्यूटर में जितनी भी ऑडियो सेटिंग होती है वह इस ऑप्शन की मदद से होती है। माइक की मदद से ऑडियो कंप्यूटर में रिकॉर्ड होती है, तो जो भी सेटिंग करनी हो वह इस ऑप्शन से होती है।
  • Programs And Features

कंप्यूटर में जितने भी सॉफ्टवेयर इनस्टॉल होते है वह प्रोग्राम्स एंड फ़ीचर ऑप्शन में दिखाई देते है। और इस ऑप्शन से आप उन सॉफ्टवेयर का साइज़ और वर्ज़न आसानी से पता कर सकते है। और आप उन सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर से डिलीट भी कर सकते हो जिसका आप इस्तेमाल नहीं करते।
  • Personalization

इस ऑप्शन से आप कंप्यूटर की थीम, वॉलपेपर बदल सकते है। इसमें आप अपने कंप्यूटर के डिज़ाइन को बदल सकते है, और नयी थीम अपने कंप्यूटर में इंस्टाल कर सकते है। और यहाँ से आप अपने कंप्यूटर के कलर को भी बदल सकते है।

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