नमस्कार दोस्तों , आज के इस आर्टिकल में हम मिशन कर्मयोगी की बात करेंगे और जानेगें की मिशन कर्मयोगी क्या है इसका उद्देश्य क्या है और साथ ही सिविल सेवकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा । तो आइए शुरू करते हैं।
PM Modi की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में 2 September 2020 को सरकार द्वारा भर्ती के बाद के सुधार लाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को मिशन कर्मयोगी ( Mission Karmyogi ) नाम दिया गया है। मिशन कर्मयोगी एक अनूठा कार्यक्रम है जो देश में सिविल सेवकों की नींव रखने में मदद करेगा। यह व्यक्तिगत (सिविल सेवकों) और संस्थागत क्षमता निर्माण पर केंद्रित होगा। इसमें टॉप पर, Prime minister की अध्यक्षता में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों से मिलकर बनी प्रधानमंत्री HR परिषद होगी।
मिशन कर्मयोगी क्या है? [ Kya Hai Mission Karm yogi ]
मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों के Capacity निर्माण की नींव रखेगा ताकि वे भारतीय संस्कृति में जुड़े रहने के साथ, दुनिया भर में सर्वोत्तम संस्कृतियों से सीखते रहें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को भविष्य के लिए और अधिक कल्पनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, नवीन, प्रगतिशील, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी सक्षम बनाना है।
मिशन कर्मयोगी के स्तंभ क्या क्या हैं [ Mission Karmyogi Ke Stambh ]
एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और अभिनव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, नवोन्मेषी और रचनात्मक होना चाहिए। इस बात को बढ़ावा देने के लिए कि कैबिनेट ने मिशन कर्मयोगी के 6 स्तंभों पर प्रकाश डाला है जो इसके नींव को मजबूत करने में मदद करेंगे और भविष्य में बेहतर सिविल सेवक तैयार करने में सहायक होंगे। मिशन कर्मयोगी के 6 स्तंभ निम्नलिखित हैं।
पॉलिसी फ्रेमवर्क ( Policy framework ) :
इसका उद्देश्य ऑनलाइन लर्निंग के साथ भौतिक क्षमता निर्माण दृष्टिकोण को पूरा करना है। यह आधुनिक तकनीकी उपकरण जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स आदि को अपनाने के योग्य बनाएगा।
संस्थागत ढांचा ( institutional framework ):
NPCSCB की संस्थागत संरचना जवाबदेही और पारदर्शिता पर आधारित है।
सामर्थ्य संरचना(Competency Framework):
यह प्रत्येक मंत्रालय द्वारा सभी पदों के लिए परिभाषित की जाने वाली भूमिकाओं, गतिविधियों और योग्यता का ढांचा है। कार्य आवंटन, कार्य असाइनमेंट को अंततः iGOT कर्मयोगी प्लेटफार्म पर किया जाएगा।
डिजिटल लर्निंग फ्रेमवर्क iGOT- कर्मयोगी ( Digital Learning Framework iGOT-Karmayogi ) :
यह लगभग 2.5 करोड़ सिविल सेवकों को सीखने के लिए कहीं भी कभी भी उपलब्ध रहेगा। यह मजबूत ई-लर्निंग सामग्री द्वारा समर्थित होगा।
विद्युत मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली ( Electrical Human Resource Management System ) :
यह सभी सिविल सेवकों के लिए संघर्ष रहित क्षमता निर्माण प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
निगरानी और मूल्यांकन ढांचा(Monitoring and Evaluation Framework):
इसे प्रत्येक व्यक्ति पर नज़र रखने और मूल्यांकन करने के साथ व्यक्ति के कौशल के विकास की निगरानी करने के लिए रखा गया है।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली के अनुसार,मिशन कर्मयोगी भविष्य में तैयार होने वाली सिविल सेवक के निर्माण में सहायक होगा। यह सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए उन्हें डोमेन से जोड़ने, कार्यात्मक और व्यवहारिक दक्षताओं से लैस करने के लिए लिए खुला रहेगा।