Class 11th Hindi Revision Test Solve Pdf Download 2020

Mp Board Class 11th Hindi Test

Mp Board Class 11th Hindi Test


खण्ड- " क "

1. निम्न गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए ।

"जो व्यक्ति सद्गुण संपन्न होते हैं सदारी होते हैं , जनहित ही जिनके जीवन का लक्ष होता है । वे महान पुरूष होते हैं , महात्मा होते हैं । दुष्टों के निरन्तर संसर्ग और संपर्क में रहते हुए भी उनके चरित्र और स्वमाव पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता । उनके स्वभाव में कोई विकृति नहीं आ पाती । वे चंदन की भाँति दुष्प्रवृतियों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी शीतलता से हटाते रहते हैं । अपने गुणों की सुगंध से वातावरण को पवित्र बनाए रहते हैं । वे दुष्टों के प्रति निस्संग और निर्लिप्त रहकर भी अपना कार्य करते रहते हैं । संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है , यह उक्ति समान्य व्यक्तियों के लिए कही गई है । चंदन जैसे व्यक्तित्व और चरित्र वाले दृढ़ और उदात्र स्वभाव वाले महापुरूषों पर यह लागू नहीं होता । वे लोग कुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुके होते हैं , वह प्रभाव अन्हें छू भी नहीं पाता है । यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है , वह यह कि चंदन का वृक्ष अपने अंगों से लिपटे हुए विषधरों के प्रति कभी कोई कटु प्रतिक्रिया नहीं करता , उसी तरह वे महान लोग भी दुष्टों के प्रति कोई घृणा , द्वेष या आक्रोष व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें दंड देने की चेष्टा करते हैं ।

प्रश्न -1 उचित विकल्प द्वारा उत्तर दीजिए

( क ) अष्टाध्यायी में कौन सा समास है

( ¡ ) कर्मधारय समास
( ii ) दिगु समास
( iii ) द्वंद समास
( iv ) तत्पुरूष समास
उत्तर: ( ii ) दिगु समास

( ख ) सज्जन में कौन सी सन्धि है

( ¡ ) व्यंजन संधि
( ii ) विसर्ग संधि
( ¡¡¡ ) स्वर संधि
( iv ) अयादि संधि
उत्तर: ( ¡ ) व्यंजन संधि 

( ग ) व्यक्तित्व का विलोम शब्द क्या है

( ¡ ) सामाजिक
( ¡¡ ) व्यक्तित्व
( iii ) निजी
( iv ) अपनत्व

उत्तर : ( ¡ ) सामाजिक

प्रश्न -2 संगति का प्रभाव मनुष्य पर कैसा पड़ता है ?

उत्तर: हमारे जीवन पर संगति का सीधा प्रभाव पड़ता है हमारी आध्यात्मिक उन्नति इस बात पर बहुत निर्भर है कि हमारी संगति कैसी है। यह कहावत है कि इंसान अपनी संगति से जाना जाता है। और यह चिरतार्थ है। संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है ।

प्रश्न -3 आपके विचार से एक  सम्पन्न व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है ?

उत्तर : सद्गुण संपन्न व्यक्ति सदाचारी होते हैं , जनहित ही उनके जीवन का लक्ष्य होता है । वे महान पुरूष और महात्मा होते हैं ।

प्रश्न -4 प्रस्तुत गद्यांश का उपर्युक्त शीर्षक दीजिए

उत्तर: संगति

प्रश्न -5 दुष्ट व द्वेष के विपरीतार्थक शब्द लिखिए 

उत्तर : 

  1. दुष्ट का विलोम सज्जन
  2. द्वेष का विलोम सद्भावना

2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए 

"आज जीत के रात , पहरूए , सावधान रहना । खुले देश के द्वार , अचल दीपक समान रहना । 

ऊँची हुई मशाल हमारी , आगे कठिन डगर है । शत्रु हार गया , लेकिन उसकी . छायाओं का डर है । 

शोषण से है मृत समाज , कमजोर हमारा घर है । किन्तु आ रही नई जिन्दगी वह विश्वास अपर है । 

जन गंगा में ज्वार , लहर तुम प्रवद्यमान रहना , पहरूए सावधान रहना ।

उचित विकल्प द्वारा उत्तर चुनिए 

प्रश्न -1 ' पहरूए ' का शाब्दिक अर्थ है 

( क ) किसान से 

( ख ) पहरेदार से 

( ग ) सरकार से 

( घ ) पुलिस से

उत्तर : ( ख ) पहरेदार से 

प्रश्न -2 ' अचल दीपक समान में रहना ' में अलंकार है 

( क ) रूपक अलंकार 

( ख ) यमक अलंकार 

( ग ) अपमा अलंकार 

( घ ) अनुप्रास अलंकार 

उत्तर : ( क ) रूपक अलंकार 

प्रश्न- 3 ' शत्रु की छाया ' का क्या अर्थ है ? 

उत्तर : शत्रु की छाया का अर्थ है शत्रु का आप पर नजर रखना

प्रश्न -4 ' जन गंगा में ज्वार से क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर: 

‘जन गंगा में ज्वार’ से तात्पर्य ‘गंगा रूपी जनता के कर्म रूपी आंदोलन में ज्वार रूपी जोश’ से है।

प्रश्न -5 अचल और अमर शब्दों के विपरीतार्थक शब्द लिखिए

उत्तर

अचल का विपरीतार्थक शब्द: चल

अमर का विपरीतार्थक शब्द: मर्त्य

खण्ड- " ख " 

3. छात्रावास में रहने वाले अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए कि वह पढ़ाई के साथ - साथ स्वास्थ्य ( कोविड -19 ) के नियमों का भी नियमित रूप से पालन करें । 

उत्तर

पत्र


बाबा साहब अम्बेडकर नगर, नागपुर

प्रिय छोटे भाई अशोक,

सदा खुश रहो।

आज ही तुम्हारा पत्र मिला और यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि तुम्हारी पढ़ाई बहुत अच्छी चल रही है। जैसा कि तुमने पत्र में लिखा था कि तुम्हारा स्वास्थ्य कभी कभी बिगड़ जाता है। मेरे प्रिय छोटे भाई जैसा कि तुम्हें ज्ञात है पिछले 6 से 8 महीनों से कोविड 19 बहुत तेजी से फैला है। और यह बीमारी कमजोर इम्युनिटी वालों को ज्यादातर प्रभावित करती है. 

कोविड 19 बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने आवश्यक गाइडलाइन भी जारी की हैं. जिसका पालन करना बहुत ही आवश्यक है. मैं तुम्हे कुछ बातें बताने जा रहा हूं. जो सभी के स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक है, जैसे; 

1. खांसी, सर्दी और तेज बुखार वाले व्यक्तियों से आपस में 2 मीटर की दूरी बनाये रखिये .

2. भीड़ भाड़ की जगह से दूर रहे.

3. मास्क पहनें.

4. सेनेटाइजर का समय-सेमय में प्रयोग करें.

5. आंख, कान, नाक को बै बार छूने से बचें.

मुझे विश्वास है कि तुम स्वास्थ्य के नियमों का पालन करोगे और प्रतिदिन सैर व व्यायाम करोगे। तभी तुम्हारा स्वास्थ्य ठीक रह सकता है। और कोविड 19 से शुरक्षित रहोगे.


तुम्हारा भईया, 

परसा

दिनांक : 21 नवंबर, 2020


4. "मोबाईल सुविधा या असुविधा" विषय पर एक फीचर लिखिए 

उत्तर: विज्ञान के चमत्कृत कर देने वाले उपकरणों में से एक है मोबाइल। पूर्व में चिठ्ठी व तार का स्थान टेलीफोन ने लिया। पर इसे न मनचाही जगह ले जाया जा सकता है न ही इस पर इंटरनेट का प्रयोग करके मेसेज, फोटो, विडियो का आदन-प्रदान किया जा सकता है। आज अनेक कम्पनियों में प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन ज्यादा फीचर्स वाला मोबाइल कम दाम में उपलब्ध करवाए। स्मार्टफोन ने तो मानो जीवन में क्रांति ला दी है। आजकल सभी प्रतिक्षण एक दूसरे के संपर्क में है। मोबाइल का उपयोग बहुआयामी है इसलिए कोई भी इसे एक क्षण भी स्वयं से दूर नहीं करना चाहता। जैसे सुबह जगाने के लिए मोबाइल में अलार्म घड़ी है, लाइट न होने पर टोर्च मोजूद है, बड़ी से बड़ी राशी की गणना कर सकते है, लाखों किलोमीटर दूर बैठे प्रियजन से बात कर सकते है, उसकी फोटो व विडियो देख सकते है, फुर्सत में इस पर गाने सुन सकते है, गेम खेल सकते है,इसके शब्दकोष ने डिक्शनरी को मात्र सजावट की वस्तु बना दिया है, हम इस पर नेट बैंकिंग कर सकते, किसी भी जगह का नक्शा देख सकते है। पर हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। जहाँ मोबाइल हमारा साथी है वहीं इसने ज्यादातर को अपने गुलाम बना लिया है। लोगों ने समाज में तो क्या परिवार में घुलना-मिलना तक छोड़ दिया है। इससे सामाजिक समरसता में कमी आई है। बच्चे ज्यादातर इस पर गेम खेलते है जिससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य गिर रहा है। तनाव, डायबिटीज, कमजोर दृष्टि और एनीमिया जैसी बीमारियाँ बढ़ रही है। अति की वर्जना है अत: मोबाइल का उपयोग आवश्यकता होने पर ही किया जाना चाहिए। बच्चों को इसकी हानिकारक विकिरणों से बचाना चाहिए। अन्यथा ये धीमा जहर बहुत हानिकारक सिद्ध होगा।


5. ( ¡ ) प्रतिवेदन से आप क्या समझते हैं ? प्रतिवेदन के प्रकारों के नाम लिखिए 

उत्तर: प्रतिवेदन की परिभाषा:

भूत अथवा वर्तमान की विशेष घटना, प्रसंग या विषय के प्रमुख कार्यो के क्रमबद्ध और संक्षिप्त विवरण को ‘प्रतिवेदन’ कहते हैं।

प्रतिवेदन का अर्थ  रिपोर्ट  एक ऐसा विवरण होता है जिसमें किसी प्रश्न के उत्तर अथवा किसी जांच की जाती है| सरकारी विभागों, कार्यालयों में घटित होने वाली विशेष घटनाओं पर आधारित पर प्रतिवेदन तैयार की जाती है|

प्रतिवेदन के प्रकार:

प्रतिवेदन के तीन प्रकार हैं-
(1) व्यक्तिगत प्रतिवेदन
(2) संगठनात्मक प्रतिवेदन
(3) विवरणात्मक प्रतिवेदन



5. ( ii ) प्रतिवेदन की महत्वपूर्ण विशेषताऐं क्या है ? लिखिए 

उत्तर: 

प्रतिवेदन की महत्वपूर्ण विशेषताएं:

  1. प्रतिवेदन से हमें  घटना के समय बीती बातों का स्प्ष्ट रूप से पता चलता है|
  2. प्रतिवेदन से हमें समय और तिथि स्प्ष्ट पता चलता है|
  3. प्रतिवेदन से पूरी सच्चाई का पता चलता है|
  4. प्रतिवेदन की सरल भाषा का प्रयोग किया जाता है|
  5. प्रतिवेदन में किसी घटना मुख्य बातें लिखी जाती हैं।
  6. प्रतिवेदन में बातें  क्रम के हिसाब में लिखी जाती हैं।


6. सत्य / असत्य लिखिए 

( 1 ) शब्द कोश शब्दों का भण्डार है । 

( 2 ) हिन्दी शब्द कोश में हिन्दी वर्णमाला का अनुसरण किया जाता है । ( 3 ) हिन्दी शब्द कोश में संयुक्त व्यंजन सबसे अंत में आते हैं । 

( 4 ) विश्व कोश के अंतर्गत ज्ञान की सभी महत्वपूर्ण शाखाओं की जानकारी दी जाती है । 

( 5 ) एक साहित्यकार द्वारा अपने साहित्य में प्रयुक्त संपूर्ण शब्दों का कोश व्यक्ति कोश कहलाता है । 

उत्तर : 

(1) सत्य

(2) सत्य

(3) सत्य

(4) सत्य

(5) सत्य



7. ( ¡ ) जन संचार से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर: जनसंचार (Mass communication) से तात्पर्य उन सभी साधनों के अध्ययन एवं विश्लेषण से है जो एक साथ बहुत बड़ी जनसंख्या के साथ संचार सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं। 

प्रायः इसका अर्थ सम्मिलित रूप से समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, रेडियो, दूरदर्शन, चलचित्र से लिया जाता है जो समाचार एवं विज्ञापन दोनो के प्रसारण के लिये प्रयुक्त होते हैं। संचार माध्यम में संचार शब्द की उत्पति संस्कृत के 'चर' धातु से हुई है जिसका अर्थ है चलना।


7. ( ¡¡ ) जन संचार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए 

उत्तर: जनसंचार की प्रमुख विशेषताएँ

  1. जनसंचार की एक विशेषता है कि जनसंचार द्वारा समाज की बौद्धिक सम्पदा का हस्तांतरण संभव होता है।
  2. जनसंचार द्वारा विभिन्न विषयों पर आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ताकि अनेक समस्याओं का हल तुरंत खोजा जा सकें।
  3. जनसंचार द्वारा सन्देश तीव्र गति से भेजा जाता है। समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, मोबाइलों आदि के द्वारा कोई भी सन्देश तीव्रगति से आम जनता तक पहुँचाया जा सकता है।
  4. युद्ध, आपातकाल, दुघ्रटना आदि के समय जनसंचार की मुख्य भूमिका होती हे। 
  5. जनसंचार की सबसे बडी़ विशेषता यह है कि इसमें जन सामान्य की प्रतिक्रिया का पता चल जाता है।
  6. जनसंचार का प्रभाव गहरा होता हे और उसे बदला भी जा सकता हे।
  7. जनसंचार एकतरफा होता हे।

खण्ड- " ग " 

8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए 

" घर में विधवा रही पतोहू लछमी थी , यद्यपि पति घातिन , पकड़ मँगाया कोतवाल ने डूब कुएँ में मरी एक दिन । खैर , पैर की जूती , जोरू , न सही एक , दूसरी आती . पर जवान लडके की सुध कर साँप लोटते . फटती छाती । 


( क ) 'किसान की बहू को लछमी थी , यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ? 

उत्तर: किसान के बेटे को कारकूनों ने मार दिया और उसकी मृत्यु का आरोप ज़मींदार और पुलिस की मिलीभगत से उसकी पत्नी पर मढ़ दिया गया । उसके मरने में उसकी पत्नी का कोई दोष नहीं था ; फिर भी समाज ने उसे पति घातिन करार दे दिया जबकि वह विधवा होते हुए भी लक्ष्मी के समान थी । वही कमाकर घर चला रही थी ।

( ख ) इस कविता में नारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए 

उत्तर: कविता से मनुष्य - भाव की रक्षा होती है । सृष्टि के पदार्थ या व्यापार - विशेष को कविता इस तरह व्यक्त करती है , मानो वे पदार्थ या व्यापार - विशेष नेत्रों के सामने नाचने लगते हैं । वे मूर्तिमान दिखाई देने लगते हैं । उनकी उत्तमता या अनुत् से बहने लगते हैं । तात्पर्य यह है कि कविता मनोवेगों को उत्तेजित करने का एक उत्तम साधन है । यदि क्रोध , करुणा , दया , प्रेम आदि मनोभाव मनुष्य के अन्तःकरण से निकल जाएँ , तो वह कुछ भी नहीं कर सकता । कविता हमारे मनोभावों को उच्छवासित करके हमारे जीवन में एक नया जीव डाल देती है । हम सृष्टि के सौन्दर्य को देखकर मोहित होने लगते हैं । कोई अनुचित या निष्ठुर काम हमें असह्य होने लगता है । हमें जान पड़ता है कि हमारा जीवन कई गुना अधिक होकर समस्त संसार में व्याप्त हो गया है ।


9. " मेरे तो गिरधर गोपाल , दूसरो ना कोई जा के तिर मोर मुकुट , मेरो पति सोई छोड़ि दयो कुल की कानि , कहा करि हुँ कोई ? तंतन द्विग बैठि - दैठि , लोक - लाज खोयी अंसुदन जल सोंचि - सींचि , प्रेमि बोलि बोयी । 

( क ) काव्यांश की भाषा को दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए । 

उत्तर: काव्यांश की भाषा को दो विशेषता:

  1. संगीतात्मकता
  2. प्रवाहमयी भाषा


( ख ) प्रेमि बोलि बोयी में कौन - सा अलंकार है नाम लिखिते हुए अलंकार को समझाइये । 

उत्तर: प्रेमि बोलि बोयी में रूपक अलंकार है

रूपक अलंकार:

जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में अभिन्नता दर्शायी जाए तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।



10. ( क ) घर की याद कविता में कवि ने पिताजी के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है लिखिये 

उत्तर: इस कविता में कवि ने अपने पिता की अनेकों विशेषताओं को उकेरा है।

कवि के पिता नित्य व्यायाम करते हैं। आज भी वे २६० दंड नित्य पेलते हैं। वे बड़ी उम्र में भी दौड़ सकते हैं और खिलखिलाकर हँसते हैं। उनकी वाणी में बादलों जैसी गर्जन और काम में तूफान जैसी तेजी है। उनके सामने शेर या मौत भी आ जाए तो वे घबराएँ नहीं।

कवि के पिता बड़े उदार हृदय, सरल, भोले, सहृदय और देशभक्त हैं। परिवार से विशेष स्नेह रखते हैं। उन्हीं की प्रेरणा से ही कवि स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े। इस प्रकार कवि के पिता को बुढ़ापा छू भी नहीं पाया है।

( ख ) मीरा को भक्ति मार्ग में किन - किन बाधाओं का सामना करना पड़ा ? 

उत्तर: मीरा को भी प्रेम प्राप्ति के लिए अनेक कठनाइयों का सामना करना पड़ा होगा जैसे उन्हें घर परिवार का विरोध सहना पड़ा होगा, उन्हें रोकने के अनगिनत प्रयास किया गया, समाज के लोगों ने उन पर टीका टिप्पणी की, यहां तक उनको रोकने के लिए मारने का प्रयास किया गया।


(अथवा) कबीर के धार्मिक विचारों पर प्रकाश डालिए 

उत्तर: कबीर ने अपने विचारों द्वारा जन मानस की आँखों पर धर्म तथा संप्रदाय के नाम पर पड़े परदे को खोलने का प्रयास किया है। उन्होंने हिंदु- मुस्लिम एकता का समर्थन किया तथा धार्मिक कुप्रथाओं जैसे मूर्तिपूजा का विरोध किया है। ईश्वर मंदिर, मस्जिद तथा गुरुद्वारे में नहीं होते हैं बल्कि मनुष्य की आत्मा में व्याप्त हैं।


11. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए 

" नियाँ नसीरुद्दीन ने आँखों के कंचे हम पर फेंक दिए । फिर तररेकर बोल- ' क्या मतलब है ? पूछिए साहब- नानबाई इल्न लेने कहीं और जाएगा ? क्या नगीनासाज़ के पास ? क्या आईनास के पास ? क्या मीना साज के पास ? या रफूगर , रंगरेज या तेली - तंबोली से सीखने जाएगा ? क्या फरना दिया साहब यह तो हमारा खानदानी पेशा ठहरा । हाँ . इल्म की बात पूछिए तो जो कुछ भी सीखा , अपने दालिद उस्ताद से ही । मतलब यह कि हम घर से न निकले कि कोई पेशा आख्तियार करेंगे । जो वाप - दादा का हुनर था वही उनसे पाया और वालिद मरइन के उठ जाने पर आ बैठे उन्हीं के ठीये पर 

( क ) नसीरुद्दीन के.खानदान का पेशा क्या था ? उसने अपनी आजीविका के लिए कौन - सा धंधा अपनाया ? 

उत्तर: मियाँ नसीरुद्दीन खानदानी नानबाई हैं जो मसीहाई अंदाज़ से रोटी बनाने की कला जानते हैं । अन्य नानबाई रोटी केवल पकाते हैं , पर मियाँ नसीरुद्दीन अपने पेशे को कला मानते हैं । उनके पास छप्पन प्रकार की रोटियाँ बनाने का हुनर है । वे अपने को सर्वश्रेष्ठ नानबाई बताते हैं ।

( ख ) नसीरुद्दीन ने नानदाई का धंधा किससे सीखा ? 

उत्तर: अपने पिता और दादा से

( ग ) उक्त गद्यांश के आधार पर कुछ खानदानी धंधों के नाम गिनाइये ।

उत्तर: तेल निकालना ( तेली), कपड़े धोना (धोबी), खाना बनाना (बावर्ची) सोने चांदी का काम (जौहरी) यह सब पेशे से बहुतों के खानदानी धंधे है ।


12. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए 

( क ) नमक का दारोगा कहानी में पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व है कौन से दो पहलू ( पक्ष ) उभरकर आते हैं ? लिखिए । 

उत्तर:  पंडित अलोपीदीन के व्यक्तित्व के निम्नलिखित दो पहलू उभरकर आते हैं - एक - पैसे कमाने के लिए नियम विरुद्ध कार्य करनेवाला भ्रष्ट व्यक्ति । वह लोगों पर जुल्म करता था परंतु समाज में सफ़ेदपोश व्यक्ति माना जाता था । यह उसके दोगले चरित्र को उजागर करता है । जैसे कि अलोपीदीन ने अपने धन के बल पर सभी वर्गों के लोगों को खरीद कर अपना गुलाम समान बना रखा था । दो - कहानी के अंत में उसका उज्वल चरित्र सामने आता है । ईमानदारी एवं धर्मनिष्ठा के गुणों की कद्र करनेवाला व्यक्ति जैसे कि वह अंत में वंशीधर के घर जाकर उससे माफ़ी माँगता है और उसे अपना मैनेजर बना देता है ।


( ख ) गलता लोहा पाठ के आधार पर पहाड़ी गांवो की समस्याओं पर विचार विश्लेषण कीजिए । 

उत्तर: गलता लोहा’ पाठ के आधार पर अगर पहाड़ी गाँव की समस्या पर विचार करें तो हम पाएंगे कि पहाड़ी गाँवों की दुर्गम भौगोलिक स्थिति होने के कारण वहाँ पर सुख-सुविधाओं के अधिक साधन नहीं होते।

पहाड़ों के हर गाँव में विद्यालय नहीं होते। बहुत सारे गाँव के बीच किसी एक गाँव में ही विद्यालय होता है. जिससे बाकी बच्चों को कई मीलों पैदल चलकर तकलीफ उठाते हुए विद्यालय जाना पड़ता है। इस कारण पहाड़ी गाँव के बहुत से माँ-बाप अक्सर अपने बच्चों को सही ढंग से शिक्षा नहीं दिलवा पाते, इसलिए बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ जाते हैं या उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए मैदानी क्षेत्रों का रुख करना पड़ता है। बहुत ही गरीब माँ-बाप की सामर्थ अधिक ना होने के कारण वे अपने बच्चों को दूसरी जगह भेज भी नहीं पाते और ऐसे बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

‘गलता लोहा’ पाठ में भी मोहन के साथ यही हुआ। उसे भी अपने विद्यालय के लिए कई मील पैदल जाना पड़ता था, जिससे वह थक जाता था। इसी कारण उसे रमेश के साथ पढ़ाई के लिए लखनऊ जाना पड़ा, जहां पर रमेश ने उसकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया और उसे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाना पड़ा। यदि उसके गाँव में अच्छा विद्यालय होता तो उसे बाहर नही जाना पड़ता और शायद उसका बेहतर हो पाता।

पहाड़ी गाँवों में अति-आवश्यक सुविधाओं की भी कमी होती है, जिससे वहाँ का जीवन कष्टप्रद हो जाता है। सरकारों द्वारा पहाड़ी गाँवों विकास के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि वहाँ के लोगों का जीवन सरल बने।

( ग ) मियां नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए । 

उत्तर:  मियाँ नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व की विशेषतायें और चरित्र-चित्रण...

मियाँ नसीरुद्दीन का चरित्र बड़ा ही दिलचस्प और रोचक है। एक ऐसे कलाकार माने जा सकते हैं जिनकी कला-कौशल उनके साथ ही लुप्त होने के कगार पर है। वह अपने पारंपरिक-पारिवारिक पेशे में बड़े माहिर हैं। उनकी बात करने का अंदाज भी बड़ा ही दिलचस्प और निराला है। यदि उनसे कोई कुछ सवाल पूछता है तो बदले में वो ही सवाल पूछने लगते हैं और किसी भी सवाल का जवाब बड़ा ही घुमा-फिरा कर देते हैं।

वह अपने क्षेत्र में खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। वे खुद को दार्शनिक भी समझते हैं और खुद को सुकरात से कम नहीं समझते हैं। बहुत बोलते भी हैं। पर वे काम से बड़े मेहनती हैं और उनकी मेहनतकशी अनुसरण करने योग्य है। उनकी आंखों में चालाकी भी है, भोलापन भी है। उनके माथे पर यह हुनरमंद कारीगर की तरह के तेवर दिखाई देते हैं। वक्त की मार के साथ वे स्वयं को बढ़ा खानदानी व्यक्ति समझते हैं और उसके लिए तरह-तरह के उदाहरण भी देते हैं।


( घ ) ' गलता लोहा पाठ के आधार पर मोहन के चरित्र पर प्रकाश डालिए । 

उत्तर: गलता लोहा’ पाठ में मोहन कहानी का मुख्य पात्र है। वह एक ब्राह्मण जाति का है, गाँव के पुरोहित का बेटा है। वह एक स्कूल में पढ़ता है और उसकी धनराम लोहार नाम के लड़के से दोस्ती है। ऊंची जाति का होने के बावजूद निम्न जाति के धनराम लोहार के साथ जातिगत भेदभाव भूलकर दोस्ती कायम रखता है। वह पढ़ने में अत्यंत मेधावी छात्र है, जो अपने गाँव के स्कूल में सबसे मेधावी छात्र रहा था। गाँव के स्कूल के मास्टर त्रिलोक सिंह ने भविष्यवाणी कर दी थी कि वह एक दिन स्कूल का नाम रोशन करेगा। लेकिन मोहन जब शहर गया तो वहाँ पर उसके रिश्तेदार रमेश ने उसका जीवन बर्बाद कर दिया। उसके रिश्तेदार ने उसे घर के काम में लगा दिया। इस कारण मोहन शहर के स्कूल में अपना समय नहीं दे पाया और स्कूल में वह पिछड़ता गया। इस तरह एक मेधावी छात्र का जीवन नष्ट हो गया।


13. ( क ) शास्त्रीय तथा चित्रपट - संगीत में क्या अंतर है ? 

उत्तर: गंभीरता शास्त्रीय संगीत का स्थायी भाव है, जबकि लय और चपलता चित्रपट संगीत का मुख्य गुण धर्म है। चित्रपट संगीत का ताल प्राथमिक अवस्था का ताल होता है जबकि शास्त्रीय संगीत में ताल अपने परिष्कृत रूप में पाया जाता है। चित्रपट संगीत में आधे तालों का उपयोग किया जाता है और इसकी लयकारी बिल्कुल अलग होती है, आसान होती है।

( ख ) नादमय उच्चार का क्या अर्थ है ? यह लता के गायन में किस प्रकार प्रकट हुआ है ? 

उत्तर: नादमय उच्चार यह अर्थ है कि जोर से बोलना। यह लता के गाने मैं धीमी सुर का प्रयोग से धीरे-धीरे तेज बोलने को खूबसूरत बनाता है।


( ग ) कुमार गंध ने लता को बेजोड़ गायिका क्यों कहा है ? 

उत्तर: लेखक ने लता मंगेशकर को बेजोड़ गायिका माना है। उनके मुकाबले कोई भी गायिका नहीं है। नूरजहाँ अपने समय की प्रसिद्ध चित्रपट संगीत की गायिका थी, परंतु लता ने उसे बहुत पीछे छोड़ दिया। वे पिछले पचास वर्षों से एकछत्र राज कायम किए हुए हैं। इतने लंबे समय के बावजूद उनका स्वर पहले की तरह कोमल, सुरीला व मनभावन है। उनकी अन्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. उनके गायन में जो गानपन है, वह अन्य किसी गायिका में नहीं मिलता।
  2. उच्चारण में शुद्धता व नाद का संगम तथा भावों में जो निर्मलता है, वह अन्य गायिकाओं में नहीं है।
  3. उनकी सुरीली आवाज ईश्वर की देन है, परंतु लता जी ने उसे अपनी मेहनत से निखारा है।
  4. वे शास्त्रीय संगीत से परिचित हैं, परंतु फिर भी सुगम संगीत में गाती हैं। उनके गानों को सुनकर देश-विदेश में लोग दीवाने हो उठते हैं। उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने आम व्यक्ति की संगीत अभिरुचि को परिष्कृत किया है।

( घ ) लता मंगेशकर के गायन ने भारतीय लागों की अभिरूचि को किस प्रकार प्रभावित किया ? 

लता ने चित्रपट - संगीत में मुख्यतया किस प्रकार के गाने गाए हैं और क्यों ?

उत्तर: लता मंगेशकर ने चित्रपट संगीत में मुख्यतया करुण व श्रृंगार रस के गाने गाए हैं। उन्होंने अनेक प्रयोग किए हैं उन्होंने राजस्थानी, पंजाबी, बंगाली व मराठी लोकगीतों को अपनाया है। लता जी ने पंजाबी लोकगीत, रूक्ष और निर्जल राजस्थान में बादल की याद दिलाने वाले गीत, पहाड़ों की घाटियों में प्रतिध्वनित होने वाले पहाड़ी गीत गाए हैं। ऋतु चक्र समझने वाले और खेती के विविध कामों का हिसाब लेने वाले कृषि गीत और ब्रजभूमि के सहज मधुर गीतों को फिल्मों में लिया गया है। उन्होंने मुग्ध श्रृंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने बड़ी उत्कटता से गाए हैं।

तो दोस्तों, कैसी लगी आपको हमारी यह पोस्ट ! इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें, Sharing Button पोस्ट के निचे है। इसके अलावे अगर बिच में कोई समस्या आती है तो Comment Box में पूछने में जरा सा भी संकोच न करें। अगर आप चाहें तो अपना सवाल हमारे ईमेल Personal Contact Form को भर पर भी भेज सकते हैं। हमें आपकी सहायता करके ख़ुशी होगी । इससे सम्बंधित और ढेर सारे पोस्ट हम आगे लिखते रहेगें । इसलिए हमारे ब्लॉग “Hindi Variousinfo” को अपने मोबाइल या कंप्यूटर में Bookmark (Ctrl + D) करना न भूलें तथा सभी पोस्ट अपने Email में पाने के लिए हमें अभी Subscribe करें। अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें। आप इसे whatsapp , Facebook या Twitter जैसे सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर शेयर करके इसे और लोगों तक पहुचाने में हमारी मदद करें। धन्यवाद !

Post a Comment

7 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. This is very helpful

    Thank you

    ReplyDelete
  2. कक्षा12 वी के भी हल उपलब्ध कराए mp बोर्ड की धन्यवाद

    ReplyDelete
    Replies
    1. आगे से अवश्य उपलब्ध कराएंगे

      Delete
  3. Ques11 3rd answer kya h

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रश्न: कुछ खानदानी धंधों के नाम गिनाइये ।

      उत्तर: तेल निकालना ( तेली), कपड़े धोना (धोबी), खाना बनाना (बावर्ची) सोने चांदी का काम (जौहरी) यह सब पेशे से बहुतों के खानदानी धंधे है ।

      Delete

Top Post Ad

Below Post Ad