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जगर मगर अकबर बीरबल की कहानियां| jagar magar akbar birbal ki kahaniyan

जगर मगर अकबर बीरबल की कहानियां| jagar magar akbar birbal ki kahaniyan: बादशाह अकबर ने भरी सभा में घोषणा की - इस बार मुहर्रम पर सभी दरबारी अपने महलों को अच्छी तरह सजाएं । 

जिसके महल में सबसे अच्छी रोशनी होगी , उसे पुरस्कार दिया जाएगा । मुहर्रम के दिन बादशाह घोड़े पर सवार होकर बीरबल के साथ दरबारियों के महलों की रोशनी देखने निकले । 

सभी के महल जगर - मगर कर रहे थे । बीरबल के महल के आगे राजा रुक गए । 

बोले - बस , दो - चार दीपक तुमने हमारी आज्ञा का पालन नहीं किया है । 

बादशाह को लेकर बीरबल नगर के बाहर गरीबों की बस्ती में गया । वहां झोपड़ियां प्रकाश से दमदमा रही थी

बीरबल बादशाह अकबर से बोला - बादशाह , देखिए , आपकी आज्ञा का मैंने ही सही पालन किया है । 

इन्हे ही रोशनी की सबसे ज्यादा जरूरत है । बादशाह ने मुस्करा कर पुरस्कार की राशि गरीबों में बाट दीं ।

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