बवासीर के लक्षण क्या होते हैं ?
बवासीर होने से मरीज का हाजमा खराब हो जाता है भूख नहीं लगती , कब्ज रहने लगती है। पेट में गैस भी बनने लगती है। मेदा , दिल , जिगर कमजोर हो जाते हैं। आमतौर से शारीरिक कमजोरी हो जाती है। मरीज के मुंह पर हल्की सूजन भी आ जाती है।
बवासीर के घरेलू उपाय क्या है ?
1. दो कागजी नींबू काटकर 5 माशे देशी कत्था पीसकर नींबू के टुकड़े पर लगायें। रात भर ओस में रखें। सुबह खाली पेट रोजाना नियम से पन्द्रह दिन तक सेवन करें। उड़द की दाल , मांस मछली का परहेज करें , बवासीर में निश्चित ही लाभ होगा।
2. 50 ग्राम रीठे लेकर तवे पर रखकर कटोरी से ढक दें और तवे के नीचे आधा घंटा आग जलायें। रीठे भस्म हो जाएंगे। ठंडा होने पर कटोरी हटाकर बारीक करके रीठे की भस्म 20 ग्राम , कत्था सफेद 20 ग्राम , कुश्ता फौलाद 3 ग्राम , सबको बारीक करके अच्छी तरह मिला लें। वजन खुराक 1 ग्राम सुबह को , 1 ग्राम शाम को , 20 ग्राम मक्खन में रख कर खायें। ऊपर से 250 ग्राम दूध पीयें । 10-15 दिन सेवन करें। यह बहुत बढ़िया दवा है खूनी , बादी बवासीर को दूर करेगी।
बवासीर रोग में क्या परहेज करें
गुड़ , गोश्त , शराब , आम , अंगूर न खाएं । कब्ज न होने दें और नीचे लिखा मरहम मस्सों पर लगाए ।
मरहम बवासीर : - वैसलीन सफेद 50 ग्राम , कपूर 6 ग्राम , सल्फाडायजीन की 3 गोली , बोरिक ऐसिड 6 ग्राम । सबको बारीक करके वैसलीन में मिलाकर रात को सोते समय , सुबह शौच जाने से पहले और दिन में एक बार रोजाना उंगली के साथ अन्दर , बाहर के मस्सों पर लगायें ।
खूनी बवासीर : - गैंदे के हरे पत्ते 10 ग्राम , काली मिर्च 5 दाने , कूजा मिश्री 10 ग्राम , 60 ग्राम पानी में रगड़कर छानकर 4 दिन तक एक - एक बार पियें । गर्म चीजें न खाएं और कब्ज न होने दें ।
नोट: ऊपर बताई गई दवाइयां और उपाय व्यवहारिक ज्ञान से प्राप्त है। यह कोई डॉक्टरी इलाज नहीं है। अगर आपको बवासीर रोग है तो डॉक्टर से भी अवश्य सलाह ले।