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कार्बी एंगलोंग समझौता क्या है? इसकी मुख्य विशेषताएँ जानिए [ Karbi Anglong Agreement ]

कार्बी एंगलोंग समझौता : यह समझौता उग्रवाद मुक्त समृद्ध उत्तर-पूर्व के दृष्टिकोण के साथ समन्वित है, जिसमें पूर्वोत्तर के सर्वांगीण विकास, शांति और समृद्धि की परिकल्पना की गई है। हाल ही में असम के पाँच विद्रोही समूहों, केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे। वह यही कार्बी एंगलोंग समझौता है.
कार्बी एंगलोंग समझौता क्या है? इसकी मुख्य विशेषताएँ जानिए [ Karbi Anglong Agreement ]


कार्बी एंगलोंग संकट क्या है और यह कैसे उत्पन्न हुआ है

मध्य असम में स्थित, कार्बी एंगलोंग राज्य का सबसे बड़ा ज़िला है और नृजातीय तथा आदिवासी समूहों - कार्बी, डिमासा, बोडो, कुकी, हमार, तिवा, गारो, मान (ताई बोलने वाले), रेंगमा नागा संस्कृतियों का मिलन बिंदु है। इसकी विविधता ने विभिन्न संगठनों को भी जन्म दिया और उग्रवाद को बढ़ावा दिया जिसने इस क्षेत्र को विकसित नहीं होने दिया। 
कार्बी एंगलोंग समझौता क्या है? इसकी मुख्य विशेषताएँ जानिए [ Karbi Anglong Agreement ]


कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है, जो कई गुटों और इनके भागों से घिरा हुआ है। कार्बी समूह का इतिहास 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध से हत्याओं, जातीय हिंसा, अपहरण और कराधान से युक्त रहा है। कार्बी एंगलोंग ज़िले के विद्रोही समूह जैसे पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी (पीडीसीके), कार्बी लोंगरी एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (केएलएनएलएफ) आदि एक अलग राज्य बनाने की मुख्य मांग से उत्पन्न हुए है।

उग्रवादी समूहों की कुछ मांगें

उग्रवादी समूहों की कुछ अन्य मांगें इस प्रकार हैं:
  • कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) में कुछ क्षेत्रों को शामिल करना।
  • अनुसूचित जनजातियों के लिये सीटों का आरक्षण।
  • परिषद को अधिक अधिकार।
  • आठवीं अनुसूची में कार्बी भाषा को शामिल करना।
  • 1,500 करोड़ रुपए का वित्तीय पैकेज।

कार्बी एंगलोंग शांति समझौते की मुख्य विशेषताएँ


  • कार्बी संगठनों ने आत्मसमर्पण किया: 5 उग्रवादी संगठनों (KLNLF, PDCK, UPLA, KPLT और KLF) ने हथियार डाल दिये और उनके 1000 से अधिक सशस्त्र कैडरों ने हिंसा छोड़ दी तथा समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए।
  • विशेष विकास पैकेज: कार्बी क्षेत्रों के विकास के लिये विशेष परियोजनाएँ शुरू करने हेतु केंद्र सरकार और असम सरकार द्वारा पाँच वर्षों में 1000 करोड़ रुपए का विशेष विकास पैकेज आवंटित किया जाएगा।
  • KAAC को अधिक स्वायत्तता: यह समझौता असम की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता को प्रभावित किये बिना कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद को अपने अधिकारों का प्रयोग करने हेतु यथासंभव स्वायत्तता हस्तांतरित करेगा। कुल मिलाकर वर्तमान समझौते में KAAC को अधिक विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियांँ देने का प्रस्ताव है।
  • पुनर्वासः इस समझौते में सशस्त्र समूहों के कैडरों के पुनर्वास का प्रावधान किया गया है।
  • स्थानीय लोगों का विकास: असम सरकार KAAC क्षेत्र के बाहर रहने वाले कार्बी लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने हेतु एक कार्बी कल्याण परिषद (Karbi Welfare Council) की स्थापना करेगी। यह समझौता कार्बी लोगों की संस्कृति, पहचान, भाषा आदि की सुरक्षा और क्षेत्र के सर्वांगीण विकास को भी सुनिश्चित करने में सहायक होगा। KAAC को संसाधनों की आपूर्ति करने हेतु राज्य की संचित निधि में संशोधन किया जाएगा।

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