सरदार वल्लभभाई पटेल एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम और सेनानी स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री थे। 562 रियासतों का एकीकरण करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को लोग आज भी लौह पुरुष के नाम से जानते हैं। लौह पुरुष का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में उनके हाल में हुआ और 15 दिसम्बर, 1950 Mumbai में आज के ही दिन पटेल इस दुनिया को अलविदा कह गए ।
आइए इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ रोचक तथ्य-
★ लौह पुरुष सरदार पटेल भारतीय बैरिस्टर और प्रसिद्ध राजनेता थे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।
★नवम्बर 1917 में पहली बार गाँधी जी से सीधे संपर्क में आये। 1918 में अहमदाबाद जिले में अकाल राहत का बहुत व्यवस्थित ढंग से प्रबंधन किया और सरकार द्वारा अकाल प्रभावित खेड़ा जिले में वसूले जा रहे लैंड रेवेन्यु के विरुद्ध “No-Tax” आन्दोलन का सफल नेतृत्व कर वसूली को माफ़ करवाया।
★गुजरात सभा को 1919 में गुजरात सूबे की काग्रेस कमिटी में परिवर्तित कर दिया जिसके सचिव पटेल तथा अध्यक्ष महात्मा गाँधी बने। इसके बाद 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 36 वें अहमदाबाद अधिवाशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष बने और गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पहले अध्यक्ष बने।
★गांधीजी के नमक सत्याग्रह के पक्ष में प्रचार करने के कारण सरदार पटेल 7 मार्च, 1930 को गिरफ्तार कर साबरमती जेल में डाल दिए गए।
★ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब जापानी हमले की आशंका हुई, तो सरदार पटेल ने गाँधीजी की अहिंसा की नीति को अव्यावहारिक बताकर ख़ारिज कर दिया। सत्ता के हस्तान्तरण के मुद्दे पर भी उनका गाँधीजी से इस बात पर मतभेद था कि उपमहाद्वीप का हिन्दू भारत तथा मुस्लिम पाकिस्तान के रूप में विभाजन अपरिहार्य है।
सम्मान और पुरस्कार
★ सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
★ वर्ष 2014 में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाई जाती है।
★ अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण ‘सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा’ रखा गया है, और गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में ‘सरदार पटेल विश्वविद्यालय’ है
★स्टैच्यू ऑफ यूनिटी- 182 मीटर (597 फीट) ऊँचा गुजरात सरकार द्वारा प्रस्तावित भारत के लौह पुरुष और प्रथम गृहमन्त्री सरदार पटेल का स्मारक है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस स्मारक का शिलान्यास किया
★सरदार पटेल का महात्मा गांधी से बेहद लगाव था। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब महात्मा गांधी की हत्या की खबर को सुनकर पटेल की सेहत खराब रहने लगी। यहां तक कि गांधीजी की मौत के दो महीने बाद ही उन्हें हार्ट अटैक हुआ और २ साल बाद ही एक भी देहांत हो गया।
★भारत के प्रथम गृहमंत्री और उपप्रधान मंत्री ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल से 600 देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय किया। इन छोटी-छोटी रियासतों का विलय करना आसान नहीं था।
★गांधीजी की इच्छा का सम्मान करते हुए सरदार पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को दूर रखा और पं। नेहरू का समर्थन किया।
★गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल की पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था।
★सरदार पटेल ने हैदराबाद के विलय के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया था।
★पहले हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय से इंकार कर दिया था।
★जिस समय हैदराबाद के विलय की कार्रवाई की गई, उस समय पंडित नेहरू देश में नहीं थे।
★सरदार ने नवंबर 1950 में पंडित नेहरू को पत्र लिखकर भारत के उत्तर में चीन के संभावित खतरे के बारे में आगाह किया था।
★1909 में पटेल की धर्मपत्नी का हॉस्पिटल में एक ऑपरेशन के दौरान देहांत हो गया। जब पटेल को यह समाचार दिया गया, तब वह अदालत में जिरह कर रहे थे। इसके बाद भी उन्होंने अपना काम जारी रखा। अदालत की कार्रवाई समाप्त होने के बाद ही उन्होंने अन्य लोगों को यह खबर बताई।
★सरदार पटेल का महात्मा गांधी से बेहद लगाव था। जब महात्मा गांधी की हत्या की गई तब इस खबर को सुनकर पटेल की सेहत भी खराब रहने लगी। यहां तक कि गांधीजी की मौत के दो महीने बाद ही उन्हें हार्ट अटैक भी हुआ।
★सरदार पटेल ने देश के गृहमंत्री के तौर पर महात्मा गांधी की हत्या और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था।
★ वर्ष 2014 में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाई जाती है।
★ अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण ‘सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा’ रखा गया है, और गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में ‘सरदार पटेल विश्वविद्यालय’ है
★स्टैच्यू ऑफ यूनिटी- 182 मीटर (597 फीट) ऊँचा गुजरात सरकार द्वारा प्रस्तावित भारत के लौह पुरुष और प्रथम गृहमन्त्री सरदार पटेल का स्मारक है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस स्मारक का शिलान्यास किया
★सरदार पटेल का महात्मा गांधी से बेहद लगाव था। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब महात्मा गांधी की हत्या की खबर को सुनकर पटेल की सेहत खराब रहने लगी। यहां तक कि गांधीजी की मौत के दो महीने बाद ही उन्हें हार्ट अटैक हुआ और २ साल बाद ही एक भी देहांत हो गया।
★भारत के प्रथम गृहमंत्री और उपप्रधान मंत्री ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल से 600 देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय किया। इन छोटी-छोटी रियासतों का विलय करना आसान नहीं था।
★गांधीजी की इच्छा का सम्मान करते हुए सरदार पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को दूर रखा और पं। नेहरू का समर्थन किया।
★गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल की पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था।
★सरदार पटेल ने हैदराबाद के विलय के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया था।
★पहले हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय से इंकार कर दिया था।
★जिस समय हैदराबाद के विलय की कार्रवाई की गई, उस समय पंडित नेहरू देश में नहीं थे।
★सरदार ने नवंबर 1950 में पंडित नेहरू को पत्र लिखकर भारत के उत्तर में चीन के संभावित खतरे के बारे में आगाह किया था।
★1909 में पटेल की धर्मपत्नी का हॉस्पिटल में एक ऑपरेशन के दौरान देहांत हो गया। जब पटेल को यह समाचार दिया गया, तब वह अदालत में जिरह कर रहे थे। इसके बाद भी उन्होंने अपना काम जारी रखा। अदालत की कार्रवाई समाप्त होने के बाद ही उन्होंने अन्य लोगों को यह खबर बताई।
★सरदार पटेल का महात्मा गांधी से बेहद लगाव था। जब महात्मा गांधी की हत्या की गई तब इस खबर को सुनकर पटेल की सेहत भी खराब रहने लगी। यहां तक कि गांधीजी की मौत के दो महीने बाद ही उन्हें हार्ट अटैक भी हुआ।
★सरदार पटेल ने देश के गृहमंत्री के तौर पर महात्मा गांधी की हत्या और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था।